ब्लैकबेरी
ब्लैक ब्लैकबेरी एक पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (पीडीए) हैंडसेट के तौर पर काम करता है, जिसमें इंटरनेट, ईमेल, मेसेजिंग, एड्रेस बुक, और कैलेण्डर जैसी तमाम एडवांस सेवाएं हैं। अन्य फोनों से यह सिक्योरिटी के मामले में अलग है। इसके द्वारा भेजे गए ई-मेल या मैसेजेस बीच में पढ़े नहीं जा सकते क्योंकि उन्हें इनक्रिप्ट कर दिया जाता है। कनाडा की एक कंपनी रिम (क्रढ्ढरू- क्रद्गह्यद्गड्डह्म्ष्द्ध ढ्ढठ्ठ रूशह्लद्बशठ्ठ) वर्ष १९९६ से यह बनाती आ रही है। अमेरिकी से शुरुआत कर अब इस स्मार्टफोन की पहुंच १७५ देशों तक हो गई है। मुख्यरूप से इसमें मेसेजिंग से संबंधित काफी फंक्शन्स हैं, इसलिए यह मेसेजिंग फोन ज्यादा है। ब्लैकबेरी उपयोगकर्ता को एक निजी पिन नंबर दिया जाता है। सभी ब्लैकबेरी हैंडसेट ब्लैकबेरी इंटरप्राइज सर्वर (बीईएस) से जुड़े होते हैं। भारत में तकरीबन १० लाख लोग इसकी सेवाएं प्रयोग करते हैं। हाल में डाटा इनक्रिप्शन को लेकर भारत सरकार और रिम के बीच काफी विवाद हुआ।
क्या है डाटा इनक्रिप्शन
डाटा को एनकोड करने की प्रक्रिया को डाटा इनक्रिप्शन कहते हैं। ऐसा डाटा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है, ताकि अनधिकृत व्यक्ति डाटा पढ़ न सके। ई-कॉमर्स और ई-गर्वनेंस से जुड़ी गतिविधियों के लिए इस स्तर से अधिक की इनक्रिप्शन की जरूरत होती है। वर्तमान में मोबाइल फोन या इंटरनेट से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल अधिक होने के कारण डाटा इनक्रिप्शन का महत्व बढ़ गया है। ऐसे में आजकल मेसिजिंग या ईमेल का अधिकांश डाटा अनरीडेबल (जिसे पढ़ा न सके) फॉर्म में भेजा जाता है, जिसे सॉफ्टवेयर से समझा जाता है जिनमें विशेष प्रकार की 'इनक्रिप्शन-कीÓ होती है। ४० बिट की इनक्रिप्शन कम स्तर की होती है जिसे तोडऩा या कै्रक करना आसान होता है।
कैसे काम करता है
ब्लैकबेरी यूजर्स के मेलबॉक्स में एक प्राइवेट 'इनक्रिप्शन-कीÓ होती है। यह प्राइवेट-की फोन में आए या भेजे जाने वाले डाटा को इनक्रिप्ट कर देती है। इनक्रिप्टेड सूचना सुरक्षित तरीके से स्मार्टफोन में पहुंचती है जहां पहले से स्टोर 'कीÓ से इसे डीक्रिप्डेट कर देती है।
विवाद
ब्लैकबेरी की इनक्रिप्शन उच्च स्तर की है जिसके कारण एंटरप्राइज ईमेल (कंपनियों से संबंधित ईमेल) और मेसेंजर सर्विसेज पर खुफिया एजेंसिया निगरानी नहीं रख पाती। भारत सरकार का कहना है कि इससे आतंकवादी को मदद मिलेगी। इसलिए उसने रिम को चेतावनी दी है कि ई-मेल और मेसेज को कोड भाषा में भेजना बंद किया जाए। साथ ही इनक्रिप्टेड डाटा को डीक्रिप्ट करने की 'मास्टर-कीÓ भी साझा करें। सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोई कंपनी अथॉरिटी (लाइसेंस देने वाली) की अनुमति के बगैर ४० बिट तक की इनक्रिप्शन लेंथ का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन अगर इन्क्रिप्शन की लंबाई ज्यादा है तो इसके लिए कंपनी को अथॉरिटी से लिखित तौर पर अनुमति लेनी होगी। साथ ही अथॉरिटी को 'डिक्रिप्शन-कीÓ भी देनी होगी। रिम की दलील है कि इस फोन का निर्माण ही इस तरह से किया गया है कि कंपनी भी इसके डाटा को इंटरसेप्ट नहीं कर सकती। उनका कहना है यही उनकी सबसे बड़ी विशेषता है। लेकिन सरकार ने इसको ३१ अगस्त का समय दिया है।
अन्य देशों में ब्लैकबेरी
यूएई और साउदी अरब ने ब्लैकबेरी की उन सर्विसेज पर रोक लगाने की चेतावनी दी है जिन्हें इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता। सऊदी अरब में बैन लगने के डर से रिम अपनी मेसेंजर सर्विस की निगरानी के लिए राजी हो गई है। कुवैत और लेबनान में भी रिम को इनक्रिप्टिड सूचनाओं के एस्सेस यानी उनकी निगरानी के लिए कहा है। चीन के दबाव के आगे रिम ने वहां निगरानी के वास्ते अपना अलग सर्वर लगा दिया है। अल्जीरिया और बहरीन में भी इस पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लग सकता है।
Monday, September 6, 2010
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