Saturday, August 14, 2010

वीजा और नियम



जब दूसरे देश में जाने की बात होती है तो सबसे पहले वीजा का ख्याल आता है। आइए, वीजा के विभिन्न पहलुओं पर डालते हैं एक नजर :

वीजा वह दस्तावेज होता है जो किसी व्यक्ति को अन्य देश में प्रवेश करने की अनुमति देता है। दरअसल दूसरे देशों में जाने केलिए इस तरह के प्रतिबंध की शुरुआत मुख्य तौर पर प्रथम विश्व युद्ध के बाद सामने आई। किसी देश के वीजा संबंधी नियम अन्य देशों से संबंधों पर निर्भर करते हैं। इनमें सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और अप्रवासी लोगों की आर्थिक स्थिति जैसे तथ्य अहम भूमिका निभाते हैं।
विभिन्न प्रकार के वीजा
हर देश मकसद के हिसाब से अलग-अलग प्रकार का वीजा जारी करता है। उदाहरण के लिए, भारत में ११ तरह के वीजा जारी किए जाते हैं, जैसे टूरिस्ट, बिजनेस, जर्नलिस्ट, ट्रांसिट, एंट्री आदि। एंट्री वीजा भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत आने के समय दिया जाता है। भारत फिनलैंड, जापान, लग्जमबर्ग, न्यूजीलैंड और सिंगापुर के नागरिकों को टूरिस्ट वीजा जारी करता है।
कॉमन वीजा
आमतौर पर वीजा से केवल उसी देश में जाने की इजाजत मिलती है, जो देश उसे जारी करता है। लेकिन कॉमन वीजा के जरिए एक से अधिक देशों में जाने की अनुमति मिलती है। दरअसल कुछ अंतरराष्ट्रीय समझौते होते हैं, जो किसी विदेशी को कॉमन वीजा पर कुछ देशों में जाने की अनुमति देते हैं। मसलन, शेन्जेन वीजा (स्ष्द्धद्गठ्ठद्दद्गठ्ठ) से बिना किसी रुकावट के २५ सदस्य देशों की सैर की जा सकती है। सेंट्रल अमेरिकन सिंगल वीजा से ग्वाटेमाला, होंडुरास, अल-सल्वाडोर और निकारागुआ की सैर की जा सकती है। केन्या, तंजानिया और युगांडा में जाने के लिए भी ईस्ट अफ्रीकन टूरिस्ट वीजा काफी है। २००७ में हुए क्रिकेट वल्र्ड कप के दौरान १० कैरिबियाई देशों ने इसी तरह का कॉमन वीजा जारी किया था।
कनाडा, जापान, ब्राजील और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स जैसे देशों में वीजा संबंधी नियम रेसिप्रोकल (पारस्परिक) हैं, यानी अगर कोई देश दूसरे देशों के नागरिकों को बिना वीजा प्रवेश देता है, तो दूसरे देश भी वहां के नागरिकों को बगैर वीजा अपने यहां आने देंगे।
यहां वीजा की जरूरत नहीं
विश्व में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां नागरिकों को कुछ चुनिंदा देशों में जाने के लिए वीजा बनवाने की जरूरत नहीं। जैसे यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों के नागरिक एक-दूसरे केदेशों में बेरोक-टोक प्रवेश कर सकते हैं। अमेरिका भी ३६ देशों को इस तरह की छूट देता है। गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (छह अरब राज्यों का समूह) में शामिल सदस्य देशों के नागरिक भी एक-दूसरे के यहां न सिर्फ बिना वीजा जा सकते हैं, बल्कि आवश्यकतानुसार ठहर भी सकते हैं। ईस्ट अफ्रीकन समुदाय के सदस्य देशों के नागरिक एक-दूसरे के यहां बिना वीजा जा सकते हैं। भारत भी भूटान और नेपाल के लोगों को बगैर वीजा आने की अनुमति देता है। लेकिन अपने देश की बजाय किसी अन्य देश से भारत में प्रवेश करने की स्थिति में इन लोगों को पासपोर्ट की आïवश्यकता होगी।
बाहर जाने के लिए भी वीजा
दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां से बाहर जाने के लिए भी वीजा की जरूरत होती है। सउदी अरब और कतर में काम कर रहे विदेशी मजदूरों को देश छोडऩे से पहले एक्जिट वीजा दिखाना होता है। यह एक्जिट वीजा एक तरह से मालिक द्वारा मजूदर को दी गई क्लियरेंस होती है। यदि रूस में कोई विदेशी निश्चित अवधि से ज्यादा समय तक वहां रहता है, तो उसे भी इस तरह के वीजा की जरूरत पड़ती है। इस वीजा में उसे तय की गई अवधि से ज्यादा समय तक वहां रहने का कारण बताना होता है। इसी तरह उजबेकिस्तान और क्यूबा जैसे देशों में विदेशियों को भी देश छोड़ते वक्त एक्जिट वीजा बनवाना पड़ता है।

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