शौचालय में अनाथालय...। रहम करके ये मत पूछना कि ये फोटो कहां की है.
बदलाव के लिए हमें अन्ना और बिल, दोनों की जरूरत है. वैसे बात केवल राजनीतिक भ्रष्टाचार की ही नहीं है, बात सामाजिक और मानसिक भ्रष्टाचार की भी है, जिसके लिए ना जाने देश को कितने अन्ना, गांधी और राजा राममोहन रायों की जरूरत है.
पतंगबाजी का मजा किरकिरा कर देने वाली 65वें स्वतंत्रता दिवस की शाम ये अचरज भरा नजारा दिखा. ध्यान से देखिए, इंद्रधनुष के थोड़ी ऊपर एक और इंद्रधनुष है. आजादी की इस शाम के बाद आई सुबह अन्ना हजारे की थी.