Sunday, October 31, 2010

टैलेंट + हॉबी = कामयाबी

स्कूल खासतौर पर कॉलेज लेवल पर बहुत सी एक्टिविटीज होती हैं, जो भविष्य में न सिर्फ नौकरी और व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं, बल्कि कैरियर विजन तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

कॉलेज व स्कूल लाइफ में पढ़ाई के अलावा कई एक्टिविटीज होती हैं, जैसे एनसीसी, एनएसएस, स्काउट, स्पोट्र्स, कल्चरल प्रोग्राम्स वगैरह वगैरह। इनमें से कुछ आपको आत्मनिर्भर और अनुशासित बनाने के साथ सरकारी नौकरियां भी दिलाती हैं, तो कुछ यह जानने में मदद करती है कि आपकी मानसिक बनावट कैसी है और किस क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं। आपका आगे का रास्ता आसान हो जाए, इसलिए यहां जानते हैं इन एक्टिविटीज और इनसे मिलने वाले फायदों के बारे में।

एनसीसी
डिफेंस फील्ड में भविष्य बनाने के सपने को हकीकत में बदलने की शुरुआत आप एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) से कर सकते हैं। स्कूल स्तर पर एनसीसी (जेडी) ज्वाइन कर ए सर्टिफिकेट और कॉलेज में एनसीसी (एसडी) ज्वाइन कर बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। तीन साल की ट्रेनिंग के बाद ही सी सर्टिफिकेट मिलेगा। एनसीसी डीजी ऑफिस से कर्नल आर. एस. छेत्री ने बताया कि एनसीसी में रेगुलर मोड से पढ़ाई करने वाले छात्र ही आ सकते हैं। एनसीसी टे्रनिंग न सिर्फ युवाओं में लीडरशिप, डिसिजन मेकिंग, कमांड ऐंड कंट्रोल, एकता व अनुशासन जैसी स्किल्स विकसित करती है, बल्कि इसके बी और सी सर्टिफिकेट के जरिए डिफेंस फोर्सेज में नौकरी भी मिलती है। हर साल आईएमए, देहरादून में एनसीसी से ६४ कैडेट्स का चयन किया जाता है। नेवी (६ पद) और एयरफोर्स (१० प्रतिशत) में भी इनके लिए कुछ पद आरक्षित रहते हैं। साल में दो बार एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम भी निकलती है, जिसके जरिए बिना यूपीएससी की सीडीएस लिखित परीक्षा दिए सीधे ओटीए (चेन्नई) एसएसबी इंटरव्यू के लिए जा सकते हैं। यहां लड़कियों के लिए २० प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। लेकिन एनसीसी स्पेशल एंट्री के लिए ग्रेजुएशन में ५० प्रतिशत अंक होने चाहिए। यही नहीं, आजकल रिलायंस, सहारा, ताज, रेडिसन जैसे कई बड़े-बड़े प्राइवेट ग्रुप भी एनसीसी सी सर्टिफिकेट होल्डर्स और फ्रैश ग्रेजुएट्स को सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में नौकरी दे रही हैं। एयलाइंस व एयरपोर्ट पर भी इन्हें काम मिल रहा है। १० से १२ हजार रुपये से यहां शुरुआत होती है। पैरा मिलिट्री फोर्सेज और पुलिस में इन्हें प्राथमिकता मिलती है। कई विश्वविद्यालयों में एनसीसी कोटे से पीजी स्तर पर दाखिला मिलता है। ज्यादा जानकारी के लिए द्धह्लह्लश्च://ठ्ठष्ष्द्बठ्ठस्रद्बड्ड.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ/ देखें।

खेल-कूद
खेल-कूद में हिस्सा लेने न सिर्फ आपको यूनिवर्सिटी में दाखिले में छूट मिलेगी बल्कि स्पोट्र्स कोटे से सरकारी नौकरी पाने का भी अवसर है। आज अमूमन हर यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में स्पोट्र्स कोटे से दाखिला होता है। इलाहाबाद यूनि. के फिजिकल एजुकेशन के विभागाध्यक्ष व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश चंद्र लाल ने बताया कि नेशनल/ऑल इंडिया, स्टेट या यूनिवर्सिटी लेवल पर खेलने वाले स्पोट्समैन को डिफेंस फोर्सेज, पुलिस में नौकरी में प्राथमिकता मिलती है। रेलवे जैसे कई सरकारी विभागों में स्पोट्र्स कोटे से विशेष भर्तियां निकलती हैं। जूनियर या सब-जूनियर लेवल पर गोल्ड मेडल विजेता इलाहाबाद जैसे कई विश्वविद्यालयो में सीधे बीपीएड में प्रवेश ले सकते हैं। स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिसर के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन और ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी लेवल स्पोट्र्स सर्टिफिकेट चाहिए। स्पोट्र्स ऑफिसर भी बन सकते हैं। बीपीएड के बाद एम.फिल या पीएचडी कर टीचिंग का विकल्प भी है। इन दिनों प्राइïवेट फम्र्स भी स्पोट्समैन को जॉब्स दे रही हैं। जिम्स में सर्टिफाइड फिटनेस ट्रेनर को ही रखा जा रहा है। ऐसे में स्पोट्समैन के लिए फिटनेस ट्रेनर, स्पा थेरेपिस्ट और फिटनेस फॉर लैंसर के तौर काम किया जा सकता है।

एनएसएस
युवा एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एनएसएस यानी नेशनल सर्विस स्कीम, का लक्ष्य सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं के व्यक्तित्व का विकास और उन्हें जागरुक बनाना है। ११वी-१२वीं और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र इसका हिस्सा बन सकते हैं। एनएसएस के उप-कार्यक्रम सलाहकार सतीश कुमार साहनी ने बताया कि एसएस सर्टिफिकेट होल्डर्स को हायर स्टडीज में प्राथमिकता मिलती है। जामिया और गुरु नानक देव जैसी देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज में इनके लिए दो से पांच प्रतिशित सीटें आरक्षित रखी जाती है। स्कीम द्वारा समय-समय पर आयोजित रक्तदान शिविर, राष्ट्रीय एकता शिविर, टीकाकरण और पौधारोपण अभियान जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं। युथ एक्सचेंज प्रोग्राम्स होते हैं, जिसमें वोलियंटर्स को न सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी जाने का मौका मिलता है। एड्स और डिसास्टर मैनेजमेंट प्रोग्राम्स का हिस्सा बनकर काफी अच्छा अनुभव मिलता है। हालांकि इसका जॉब में तो फायदा नहीं है, लेकिन इसके अनुभव से आपका व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और ज्ञान में जो वृद्धि होगी, वह जीवन के हर मोड़ पर काम आएगा।

भारत स्काउट्स ऐंड गाइड्स
भारत स्काउट्स ऐंड गाइड्स स्कूल और कई स्थानों पर कॉलेज स्तर पर पढ़ाई कर रहे युवाओं को टे्रनिंग देता है। भारत स्काउंट्स ऐंड गाइड्स के डायरेक्टर बिनोद कुमार बहुगुणा ने बताया कि यहां ट्रेंड युवाओं के लिए भारतीय रेलवे में ग्रुप सी और डी में अलग से जॉब निकलती हैं। रेलवे में स्काउट्स ऐंड गाइड्स कोटे (प्रेजीडेंट स्काउट/गाइड/रेंजर/रोवर या हिमालयन वुड बैच होल्डर या एचडब्लूबी ट्रेंड स्काउट लीडर) से संबंधित भर्तियां निकलती रहती हैं। नेशनल लेवल या स्टेर लेवल की इवेंट में भी पार्टिसिपेशन होना चाहिए। भारत स्काउट्स ऐंड गाइड्स सरकारी संस्था नहीं, बल्कि एक एनजीओ है, जो विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, अनुशासित और बेहतर नागरिक बनाता है। स्काउट प्रशिक्षण शिविरों में टीम वर्क से चुनौतीपूर्ण टास्क पूरे करने का अनुभव उन्हें जीवनभर मदद करता है। बहुगुणा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जो रेगुलर माध्यम से पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, ओपन यूनिट में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट द्धह्लह्लश्च://222.ड्ढह्यद्दद्बठ्ठस्रद्बड्ड.शह्म्द्द/ देख सकते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
केवल स्पोट्र्स कोटे ही नहीं, बल्कि कल्चरल कोटे से भी अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला मिलता है। ऐसे में अगर आप स्कूल स्तर पर डांस या ड्रामा जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय हैं, तो कम नंबर होने के बावजूद भी आपके पास अच्छे कॉलेज का ऑप्शन रहता है। डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज की कल्चरल सोसाइटी के कन्वेनर सोम्यजीत भट्टाचार्य का कहना है कि फिल्म, थियेटर और म्युजिक सोसाइटी में हिस्सा लेने से छात्रों केलिए इस क्षेत्र से संबंधित प्रतिष्ठित संस्थान जैसे एनएसडी, एफटीआईआई, सत्यजीत रे फिल्म संस्थान और भारतेंदु नाट्य अकादमी में दाखिला लेना आसान हो जाता है। इसके अलावा नृत्य, नाटक, गायन, वाद-विवाद, पेंटिंग आदि प्रतियोगिताओं में भाग लेने से कैरियर विजन तैयार करने में मदद मिलती है। इससे आपको अंदाजा लगेगा कि आपकी मानसिक बनावट कैसी है और किस क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं।

स्टूडेंट्स यूनियन
देश की राजनीति में भविष्य तलाश रहे हैं, तो स्टूडेंट यूनियन से कैरियर की शुरुआत कर सकते हैं। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह का मानना है कि राजनीति में जाने के लिए स्टूडेंट्स यूनियन एक सशक्त प्लेटफॉर्म तैयार करती है। छात्र राजनीति छात्रों में लोकतंत्र और राजनीति की एक बेहतर समझ विकसित करती है। आज देश में ऐसे कई बड़े नेता हैं, जिन्होंने छात्र संघ से ही शुरुआत की और पहचान बनाई।